सूरज से जैसे नही किरणें जुदा
मैं जिसकी रौशनी तले
वो है मेरा खुदा
हरदम साथ है मेरे
मैं उसके साथ हूँ
हरदम बंदगी करता
मैं उसकी बात हूँ |
बड़ी ये बात है
ऐसा फिर कैसे कहूँ ?
वो जैसा चाहता है
वैसा ही बनकर रहूँ |
सभी की प्रेरणा बनना
नहीं आसन है ,
उस की राह पर चलना
निरंतर ध्यान है |
हो ना पाए कोई भी
मुझसे खता ,
वो सुधार कर भी दे
मेरी गलती बता |
मैं उसको मानता दिल से
वो है मेरा खुदा |
सूरज से जैसे नही किरणें जुदा
मैं जिसकी रौशनी तले
वो है मेरा खुदा
हरदम साथ है मेरे
मैं उसके साथ हूँ
हरदम बंदगी करता
मैं उसकी बात हूँ |
- नेहा मैथ्यूस
बहुत प्यारी कविता है अति सुन्दर hindi kahani
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