11/14/2010

मैं हिंदी का सम्मान क्यूँ न करूँ?

मैं सपने हिंदी में देखती हूँ ,प्रार्थना हिंदी में करती हूँ 
और मुझे आशीर्वाद भी हिंदी में दिए जाते है 
तो फिर मैं हिंदी का सम्मान क्यूँ न करू ?
 दूसरी भाषाओँ के मुकाबले मैं हिंदी में खुदको 
और समाज को अच्छी तरह अभिव्यक्त  कर पाती हूँ| 
हिंदी मेरी मातृभाषा है| हिंदी मुझे सम्मान दिलाती है
 तो फिर मैं हिंदी का सम्मान क्यूँ  न करूँ? 

1 टिप्पणी:

  1. सुंदर अभिव्यक्ति ...हिंदी है हमारी अपनी भाषा जिसमें हम सोचते हैं और विकसित होते हैं ।

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