11/05/2010

मैंने भी लिखे हाइकु १

आज नेट सर्फिंग के दौरान एक ब्लॉग द्वारा हाइकु से मेरा परिचय हुआ|कविता के इस जापानी रूप को देखकर, मुझे भी लगा की मैं हाइकु लिखूं|पर दिखने में चंद यह पंक्तिया लिखना बिल्कुल भी आसन काम नहीं है|फिर भी कोशिश करने मे क्या हर्ज है|५+७+५ अक्षरों के संयोजन से बनने वाले हाइकु पेश कर रही हूँ|

१.   पंछी चहके
     चहकता चमन
     चहके हम |

२.  सर उठाके
     चल रहे थे हम
     लो गिर पडे|

अभी के लिए इतना ही| कहा न यह  लिखना बिल्कुल भी आसन काम नहीं है| क्या में हाइकु सही तरह लिख पाई|जरुर बताये| 

4 टिप्‍पणियां:

  1. नियम और भाव दोनो से ही सही लग रहे हैं...अब तो और लिख ही डालिये. :)

    सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
    दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
    खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
    दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

    -समीर लाल 'समीर'

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  2. सुन्दर हायकू है और लिखे
    दीवाली की शुभकामनाएँ

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  3. बहुत हायकू

    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ|

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