तेरी हथेली पर सबकुछ
मेरी मुट्ठी में आस है
ईश्वर ने तुझको भी दी
मुझको भी दी श्वास है
हर कोई खुद में खास है।
मै भी सफल बनूँ इक दिन
बस अवसर की तलाश है
तुझ सी बात है मुझ में भी
ऐसा मेरा विश्वास है
हर कोई खुद में खास है।
सबके लिए है धरती
सबके लिए आकाश है
मंजिल ढूंढ़ ने वालों को
ढूंढ़ लेता प्रकाश है
हर कोई खुद में खास है।
मुझको भी दी श्वास है
हर कोई खुद में खास है।
मै भी सफल बनूँ इक दिन
बस अवसर की तलाश है
तुझ सी बात है मुझ में भी
ऐसा मेरा विश्वास है
हर कोई खुद में खास है।
सबके लिए है धरती
सबके लिए आकाश है
मंजिल ढूंढ़ ने वालों को
ढूंढ़ लेता प्रकाश है
हर कोई खुद में खास है।
सबके लिए है धरती
जवाब देंहटाएंसबके लिए आकाश है
मंजिल ढूंढ़ ने वालों को
ढूंढ़ लेता प्रकाश है
हर कोई खुद में खास है।
बहुत अच्छा संदेश!
सादर
उत्तम सोच की उम्दा अभिव्यक्ति :)
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं :)
सुन्दर....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.......
अनु
उत्तम विचार व्यक्त
जवाब देंहटाएंकरती सुन्दर रचना...
:-)
आस और विश्वास बना रहे..... शुभकामनायें आपको
जवाब देंहटाएंबाँध ले उमीद खुद से .. कर ले पहचान भी .खुद से.
जवाब देंहटाएंहर उस मंजिल पर होगा तू ,गर खुद से निभा ले वादे तू ..