9/18/2012

हर कोई खुद में खास है

तेरी हथेली पर सबकुछ 
मेरी मुट्ठी में आस है
ईश्वर ने तुझको भी दी
मुझको भी दी श्वास है
हर कोई खुद में खास है।

मै भी सफल बनूँ  इक दिन
बस अवसर की तलाश है
तुझ सी बात है मुझ में भी
ऐसा मेरा विश्वास है
  हर कोई खुद में खास है।

सबके लिए है धरती
सबके लिए आकाश है
मंजिल ढूंढ़ ने वालों को
ढूंढ़ लेता प्रकाश है
हर कोई खुद में खास है।



                                                                                           

6 टिप्‍पणियां:

  1. सबके लिए है धरती
    सबके लिए आकाश है
    मंजिल ढूंढ़ ने वालों को
    ढूंढ़ लेता प्रकाश है
    हर कोई खुद में खास है।

    बहुत अच्छा संदेश!


    सादर

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  2. उत्तम सोच की उम्दा अभिव्यक्ति :)
    शुभकामनाएं :)

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  3. सुन्दर....
    बहुत सुन्दर.......

    अनु

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  4. उत्तम विचार व्यक्त
    करती सुन्दर रचना...
    :-)

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  5. आस और विश्वास बना रहे..... शुभकामनायें आपको

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  6. बाँध ले उमीद खुद से .. कर ले पहचान भी .खुद से.
    हर उस मंजिल पर होगा तू ,गर खुद से निभा ले वादे तू ..

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