3/23/2011

और ब्रुनो लौट आया ...

मेरे पति एक काले कलर का लेब्रेडोर पपी लेकर आये,सच पूछो तो वो हम मे से किसी को भी पसंद नहीं आया और यह बात उस पपी को भी समझ आ गयी| ऐसा लगा जैसे उसने भी यह बात ठान ली है कि सबके दिल में जगह बनानी है| उसका नाम ब्रुनो रखा गया,अब उसकी प्यारी-प्यारी हरकते शुरू हो गई,कभी भूख लगने पर मेरी साडी खीचना,कभी अपने खाने का बर्तन लाकर मेरे पास पटक देना कि अब तो खाना दो,कभी कही थोडा पानी पडा देखकर छोटा सा वाइपर मुंह से उठाकर मेरी बेटी के सामने लाकर रख देना कि लो अब साफ करो|जब काम वाली बाई आती तो कोने में पडा हुआ कचरा खुरचकर सामने ले आता कि यहाँ से तो साफ किया ही नहीं,कभी कोई गलती हो जाने पर सॉरी वाले अंदाज में देखना यानी अब हर तरह से उसने हमारे दिल में अपने लिए जगह बना ली थी|अब हमें वो बहुत ही प्यारा लगने लगा था,अब उसके बिना हमारा भी मन नहीं लगता था|अब वह तीन महीने का हो गया था |उसने कही से एक प्लाई का टुकडा खा लिया जो उसकी किसी नस में लग गया और वो बीमार हो  गया|तीन दिन लगातार उसे डॉक्टर के निर्देश अनुसार दवाइयां दी गयी पर उसे बचाया नहीं जा सका |हम लोगों कि तो जैसे दुनिया ही वीरान हो गयी ऐसा लगा जैसे कोई बहुत ही अपना हमसे बिछड़ गया हो | मैं,मेरे पति,मेरे बच्चे सभी का रो-रोकर बुरा हाल था ,उस वक्त मन से एक ही प्रार्थना निकल रही थी कि "हे! भगवान् हमें हमारा ब्रुनो वापस दे दो |" पर वह न तो इस ब्रीड का हो,न ही इस रंग का, बिलकुल ही अलग हो |
आश्चर्य कुछ ही महीनों बाद एक लड़का एक पपी लेकर हमारे पास आया,वो ब्राउन कलर का था,अलग ब्रीड(cocker spaniel  ) था |वह बिलकुल ही अलग तरह का था| और उसका नाम पहले से ही ब्रुनो था |
सच्चे मन से कि गयी प्रार्थना कभी व्यर्थ नहीं जाती|उसे देखते ही ऐसा लगा जैसे हमारा ब्रुनो वापस आ गया|



- लवलीना मैथ्यूस   

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