किस्मत से झगडना छोड दिया मैंने
और हवाई किलों को तोड दिया मैंने
समय से उसके पंख उपहार माँग कर
अपने परों में जोड लिया मैंने
अब मैं कुछ जिंदादिल दिख रही हूँ
सिर्फ अपने आज को लिख रही हूँ ।
इस छोटी सी दुनिया में आपको मिलेंगी मेरी रचनाएं और कुछ अपनों के दिल से निकली बातें, यादें जिन्हें संजो कर रखना अच्छा लगता है.....
Khoob.... Shubhkamnayen
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंसादर
Bahut Sunder....
जवाब देंहटाएंReally nice....
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