3/08/2011

पडोसन

हमारे पड़ोस में रहने वाली आंटी ऐसे तो बहुत मददगार है पर जब किसी बात पर चिढ जाती है तो बात को इतना बढा लेती है कि लगता है की फालतू में बात का बतंगड़ बन गया, फिर अपने आप ही सब कुछ भूलकर नोर्मल हो जाती है पहले की तरह ही हँसने-बोलने लगती है|| एक बार मेरे पति की हमारी पडोसन से खटपट हो गयी वो कहने लगी जिसकी मैं दुश्मन बन जाती हूँ उसे छोड़ती नहीं हूँ|इतने में रेडियो पर गाना बजने लगा में तेरी दुश्मन दुश्मन तू मेरा ,मैं नागिन  तू सपेरा,| मेरी बेटी ने रेडियो तेज कर दिया | अचानक वो आंटी अपना जाली का दरवाजा खोलकर बाहर आ गयी जैसे नगीना पिक्चर में श्रीदेवी नागिन बनकर सामने आ जाती है|वो बाहर आकर इधर उधर देखने लगी उनके चहरे पर हंसी  खिल गई और हमारा हाल तो पूछिए ही मत , हँसते हँसते पेट में बल पड गए |   
- लवलीना मैथ्यूस  

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