इस छोटी सी दुनिया में आपको मिलेंगी मेरी रचनाएं और कुछ अपनों के दिल से निकली बातें, यादें जिन्हें संजो कर रखना अच्छा लगता है.....
महंगाई को देख डर लगता है कि कहीं ये आईटम तस्वीरों में ही सिमट कर न रह जाएं।
वाह! क्या सलाद है.!============"इस सलाद को देख कर मुख में पानी आ गया।कई दिन सपने में थोड़ा-थोड़ा कर सब खा गया॥"सद्भावी - डॉ० डंडा लखनवी
महंगाई को देख डर लगता है कि कहीं ये आईटम तस्वीरों में ही सिमट कर न रह जाएं।
जवाब देंहटाएंवाह! क्या सलाद है.!
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"इस सलाद को देख कर मुख में पानी आ गया।
कई दिन सपने में थोड़ा-थोड़ा कर सब खा गया॥"
सद्भावी - डॉ० डंडा लखनवी