दाना चुगती एक चिड़िया दूजी से बोली
सबको अच्छी लगती है हमारी बोली
सुबह-सुबह जब मिलकर चहचहाती है हम
लोग भूल जाते है अपने सारे गम
बच्चों के संग मिलकर माँ डाले दाना
सैर करते निहारे हमको नानी-नाना
इसी तरह सदा हम खुशियाँ फैलाए
आओ मिलकर फिर से हम चहचहाए |
इस छोटी सी दुनिया में आपको मिलेंगी मेरी रचनाएं और कुछ अपनों के दिल से निकली बातें, यादें जिन्हें संजो कर रखना अच्छा लगता है.....
यकीनन चिड़ियों की चहकन अच्छी लगती है
जवाब देंहटाएंनेहा जी
जवाब देंहटाएंअच्छी बाल कविता के लिए आभार और बधाई !
शुभकामनाओं सहित
- राजेन्द्र स्वर्णकार
अच्छी बाल कविता|धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंकल 22/08/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
कोमल भाव ..अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअच्छा लिख रही हो ...शुभकामनायें !
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