11/21/2010

सी.बी.मैथ्यूस 'आगा' की शायरी -6

यह शायरी मेरे दादाजी स्व.सी.बी.मैथ्यूस 'आगा' द्वारा लिखित है | उनका जन्म सन १९१९ में हुआ था तथा उनकी मृत्यु २००९ में हुई| उन्होंने अपने जीवन में कई उम्दा शायरी लिखी|अपने जीवन के अंतिम वर्षो में वह अपनी कुछ शायरी हमें लिखवाया करते थे  उनमे से कुछ ही आज मेरे पास मौजूद है| जो में आपके सामने प्रस्तुत कर रही हूँ 


जिंदगी भर खूने जिगर 
जिसको पिलाया था हमने 
एक मुट्ठी खाक से 
अहसान जताया उसने 
रात दिन सपनों के महल 
जिसके लिए बनाये थे 
मनो मिट्टी के तले
हमको दबाया उसने |

2 टिप्‍पणियां:

  1. एक मुट्ठी खाक से
    अहसान जताया उसने
    खुबसूरत अहसास ,अच्छी नज्म मुबारक हो

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  2. सुभानअल्लाह क्या बात है

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