11/17/2010

सी.बी.मैथ्यूस 'आगा' की शायरी -2

यह शायरी मेरे दादाजी स्व.सी.बी.मैथ्यूस 'आगा' द्वारा लिखित है | उनका जन्म सन १९१९ में हुआ था तथा उनकी मृत्यु २००९ में हुई| उन्होंने अपने जीवन में कई उम्दा शायरी लिखी|अपने जीवन के अंतिम वर्षो में वह अपनी कुछ शायरी हमें लिखवाया करते थे  उनमे से कुछ ही आज मेरे पास मौजूद है| जो में आपके सामने प्रस्तुत कर रही हूँ 
                                                                                  
सहारे पत्थरों के हमने इतने दिन गुजारे
ना हम जागे ना वो सोये बेचारे 
नमूना संगतराशी का बने वो 
इधर फिरते फिरे हम मारे मारे 


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