11/26/2010

सी.बी.मैथ्यूस 'आगा' की शायरी -10

यह शायरी मेरे दादाजी स्व.सी.बी.मैथ्यूस 'आगा' द्वारा लिखित है | उनका जन्म सन १९१९ में हुआ था तथा उनकी मृत्यु २००९ में हुई| उन्होंने अपने जीवन में कई उम्दा शायरी लिखी| अपने जीवन के अंतिम वर्षो में वह अपनी कुछ शायरी हमें लिखवाया करते थे  उनमे से कुछ ही आज मेरे पास मौजूद है| जो में आपके सामने प्रस्तुत कर रही हूँ 

फजिलते शाने मसीह 
शर्मिन्दये दलील नही 
मालिके दो जहां है वो 
वाशिन्दाये गलील नही
मजहरे  जाके खुदा
दावाए राहे न जात
शर्फे बख्शीश उसे हासिल है 
वो वकील नही |  

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