tag:blogger.com,1999:blog-82910628436462251442024-03-13T22:06:20.821+05:30नेहा की कलम से...इस छोटी सी दुनिया में आपको मिलेंगी मेरी रचनाएं और कुछ अपनों के दिल से निकली बातें, यादें जिन्हें संजो कर रखना अच्छा लगता है..... Neha Mathewshttp://www.blogger.com/profile/06819601295465401655noreply@blogger.comBlogger127125tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-55274814484094033622019-06-30T10:42:00.000+05:302019-06-30T10:42:31.763+05:30 काश ये कविता मैंने लिखी होती ...
शरीर तो बंधन है
कविता तो आत्मा से आती है
अमर हो जाती है
ह्रदय से पन्नों तक
सदियों तक उन्मुक्त
एक से दूजे तक
कानों से जुबां तक
फिर कभी किसी जन्म में
सुनते है , सोचते है
काश ये कविता
मैंने लिखी होती ...
- नेहा मैथ्यूस
नेहा की कलम से http://www.blogger.com/profile/03388378785431948225noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-28365281916454000382018-02-05T10:24:00.001+05:302018-02-05T10:24:20.055+05:30kulvender sufiyana aks: ये इश्क बड़ा पुराना हैkulvender sufiyana aks: ये इश्क बड़ा पुराना है: ये इश्क बड़ा पुराना है तुझ से मिलने का बहाना है कविता लिख कर के कहता हूँ तुझ तक ये पैगाम मिले बेवजह कहूँ तो मर जाऊं वजह है तब तो जीत...नेहा की कलम से http://www.blogger.com/profile/03388378785431948225noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-82229717995748420412018-01-19T19:01:00.000+05:302018-01-19T19:05:40.447+05:30वो जैसा चाहता है
सूरज से जैसे नही किरणें जुदा
मैं जिसकी रौशनी तले
वो है मेरा खुदा
हरदम साथ है मेरे
मैं उसके साथ हूँ
हरदम बंदगी करता
मैं उसकी बात हूँ |
बड़ी ये बात है
ऐसा फिर कैसे कहूँ ?
वो जैसा चाहता है
वैसा ही बनकर रहूँ |
सभी की प्रेरणा बनना
नहीं आसन है ,
उस की राह पर चलना
निरंतर ध्यान है |
हो ना पाए कोई भी
मुझसे खता ,नेहा की कलम से http://www.blogger.com/profile/03388378785431948225noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-90512486448446469082016-12-13T10:54:00.000+05:302018-02-16T20:38:36.546+05:30बनाए अपना होम ऑफिस
इसके लिए जरुरत है बस थोडा
सा व्यवस्थित होने की और ज्यादातर उन चीजों की जो आपके घर में पहले से ही उपलब्ध है कुछ
यहाँ तो कुछ वहां और हां सबसे जरुरी बात आपका फेवरेट कौना जहाँ आप बैठना पसंद करें
|
सामग्री – 1 स्टडी टेबल, 1 कुर्सी, 1 स्टूल, आपका कम्प्यूटर या लेपटॉप, कुछ स्टेशनरी
वस्तुएं [जैसे की पेन,पेंसिल,रबड़, शार्पनर, स्टेपलर, स्केल, कैंची, फेविकोल, इंच टेप इत्यादि ], लिफाफे, नेहा की कलम से http://www.blogger.com/profile/03388378785431948225noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-69414799247789105992016-02-17T12:12:00.001+05:302016-02-17T19:37:43.646+05:30दोहे 3निखर निखर है निखरता, बेहद इसका दाम।
हीरा यूं ही ना बना, करता है अभिमान&#नेहा की कलम से http://www.blogger.com/profile/03388378785431948225noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-86984628343804692452015-12-29T18:50:00.001+05:302016-02-17T19:38:21.082+05:30दोहे 2अपने मन की सब कहे, दुजे का ना ध्यान ।
अपने माथे जब पड़ी, तब मिल पाया ज्ञा&#नेहा की कलम से http://www.blogger.com/profile/03388378785431948225noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-31393610420284157942015-07-15T12:54:00.001+05:302015-07-15T21:20:24.431+05:30परोपकारवृक्ष के झुरमुट को जब जब
पवन ने दिया झिंझोड
भीतर छुपे फलों को उसने
फिरNeha Mathewshttp://www.blogger.com/profile/06819601295465401655noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-27308202422466960912015-03-10T20:19:00.000+05:302015-08-08T04:18:11.303+05:30हाइकु ४
१ नील गगन
सतरँगी चुनर
हर्षाए मेघा ।
२ बादल राग
फिर लेकर आई
बरखा रानी ।
३ मोर मोरनी
हरियाली का गीत
शुभ आशीष ।
४ अरसे बाद
बरसात का गीत
फिर सुना है ।
&Neha Mathewshttp://www.blogger.com/profile/06819601295465401655noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-13733349664916503792015-03-03T16:22:00.000+05:302015-03-03T16:29:39.521+05:30हाइकु ३
१
नीला आकाश
कोरा लग रहा है
चलो रंग दे।
२
रंगो में छिपा
कहां है मेरा लाल
होली में हाल।
३
उड़े गुलाल
आई फागुन बेला
मचे धमाल।
४
रंगों की थाल
सुशोभित आँगन
उत्सव आया।
&Neha Mathewshttp://www.blogger.com/profile/06819601295465401655noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-10919725299339064682015-02-24T17:31:00.002+05:302015-08-28T12:45:09.750+05:30दोहे १
1
भारत माँ के सब बच्चे,यूँ लगते है संग
साथ मिलकर ज्यों सजते,रंगोली के रंग।
2
अपनी छोड़ी राह पे,पथिक को था गुमान
पिछे मुड़कर देख रहा,ना चाहे सामान।
3
खुद को गर है जानना,साधो थोड़ा मौन
अंतर की आवाज से,जानो तुम हो कौन।
Neha Mathewshttp://www.blogger.com/profile/06819601295465401655noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-6007707311189293232015-02-10T17:00:00.000+05:302015-02-15T13:06:11.154+05:30क्या कठिन है ?
समय चलता है दोस्तों
अपनी ही लय में
तुम भी सुर मिला लो
ना रहो चिन्ता या भय में
फिर से लौटना
बनकर विजेता
क्या कठिन है ?
ईश्वर के लिखे में
क्या नहीं रात दिन है ?
पंछी की मिसाल
ये कवि जो
दे रहा है
उसका कहा
तुमसे भी
कुछ ना कुछ जुड़ा है
उसको उड़ान
फिर से देखो
मिल गई है
मंजिल सामने ही थी&Neha Mathewshttp://www.blogger.com/profile/06819601295465401655noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-9920366942663255182015-02-03T17:04:00.000+05:302015-02-03T22:57:42.589+05:30एक गुलाब फिर खिला है
एक गुलाब फिर खिला है
तोड़े गए फूलों के बीच
उसको कुछ समय मिला है
पौधा प्यार से रहा है सींच
कलियाँ शायद सोच रही है
हमको भी कुछ समय मिलेगा
फूल को जैसा देख रही है
धूप छाँव भर पेट मिलेगा
या फिर लिया जाएगा तोड़ ?
नहीं ! हम भी लहलहाएँगी
अपनी बगियाँ को छोड़
यूँ ही न चली जाएँगी, महकाएँगी
रंगो से सजाएँगी , स्वप्न Neha Mathewshttp://www.blogger.com/profile/06819601295465401655noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-33997960178831980872015-01-27T17:39:00.001+05:302015-02-05T15:16:54.052+05:30साईकिल की सवारी [ संस्मरण ]
भरी दुपहरी में जब सभी लोग अपने घरों में सो रहे होते तब मैं घर के बाहर अपने भाई की पुरानी खराब पड़ी साईकिल के पास बैठी रहती और एक ही सपना देखती उस साईकिल की सवारी का, उसे चला पाने का। तब तक मुझे साईकिल चलाना कहां आता था। मैं सपना देखती थी ऐसे साईकिल चलाऊँगी, वैसे चलाऊँगी, कभी एक हाथ छोड़कर चलाऊँगी, कभी ढलान से उतारते हुए लाऊँगी और घर के बाहर लाकर Neha Mathewshttp://www.blogger.com/profile/06819601295465401655noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-81088142686738700262015-01-20T19:08:00.000+05:302015-02-03T17:18:03.585+05:30जीवन जी तो लें
नम आँखें है
दिल यादों में अब यूँ खो रहा है
कहीं बादल बरस
खुद में ही जो गुम हो रहा है
गम से जो निकल
खुशियों के आँसु रो रहा है
नए सपने जमीं पर
जैसे कोई बो रहा है
उड़ने को
तैयार पर होने लगे है
अपनी हर हिचक को
जैसे अब खोने लगे है
सपनो का महल
जमीं पर बनने लगा है
जीवन जी तो ले
अब मन यही करने लगा Neha Mathewshttp://www.blogger.com/profile/06819601295465401655noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-38506193686598018762015-01-13T17:00:00.001+05:302022-03-17T09:29:01.586+05:30जलप्रपात की यात्रा [संस्मरण ]
जलप्रपात को प्रत्यक्ष रूप से देखना यह मेरा पहला ही अनुभव था । कितना सुरम्य,कितना अभिभूत कर देने वाला दृश्य है यह। झरने तक पहुँचने के लिए जितनी सीढियाँ उतरते उतना ही वो समीप आने के लिए बाध्य करता। दूधिया झरने की धाराए अनगिनत बूँदों में बदल जब पहली बार हम पर पडी तो लगा मानो बरसात हो रही है फिर समझ आया कि यह बारिश का आभास मात्र है।
सीढियाँ उतरते वक्त हम बिना किसी दिक्कत उस Neha Mathewshttp://www.blogger.com/profile/06819601295465401655noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-24041103789252030942013-11-21T17:12:00.001+05:302015-02-05T15:15:36.302+05:30 टूटता मनोबल [लघुकथा]
वह पढाई से लेकर खेलकूद तक सब में अच्छी थी। सब कहते यह एक दिन हमारा नाम जरुर रोशन करेगी। कई दिन की बीमारी के बाद वो स्कूल लौटी।विद्यालयी खेलों के लिए बच्चों को चुना जा रहा था। सभी को मैदान के अन्तिम छोर तक दौड़कर फिर से प्रवेश द्वार तक पहुँचने को कहा गया। वह कहती रही "मैं नहीं कर सकती।" "मैं नहीं दौड़ पाऊँगी।" पर किसी नेNeha Mathewshttp://www.blogger.com/profile/06819601295465401655noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-8636332187128485502012-09-18T23:15:00.001+05:302015-08-08T04:11:55.798+05:30हर कोई खुद में खास है
तेरी हथेली पर सबकुछ
मेरी मुट्ठी में आस है
ईश्वर ने तुझको भी दी
मुझको भी दी श्वास है
हर कोई खुद में खास है।
मै भी सफल बनूँ इक दिन
बस अवसर की तलाश है
तुझ सी बात है मुझ में भी
ऐसा मेरा विश्वास है
हर कोई खुद में खास है।
सबके लिए है धरती
सबके लिए आकाश है
मंजिल ढूंढ़ ने वालों को
ढूंढ़ लेता प्रकाश है
हर कोई खुद में खास है।
&Neha Mathewshttp://www.blogger.com/profile/06819601295465401655noreply@blogger.com6tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-85107557458893980182012-09-16T14:24:00.000+05:302012-12-14T20:51:23.526+05:30रेखाचित्र [Portrait]
By Neha Mathews
Neha Mathewshttp://www.blogger.com/profile/06819601295465401655noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-86931143454118089172012-09-14T00:02:00.000+05:302015-08-08T04:18:11.315+05:30विशु कॉमिक्स
Click
Neha Mathewshttp://www.blogger.com/profile/06819601295465401655noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-27352791107342486192012-09-13T23:43:00.001+05:302015-02-05T15:22:16.645+05:30विशु कॉमिक्स
Neha Mathewshttp://www.blogger.com/profile/06819601295465401655noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-22473572671077773342012-09-08T20:28:00.001+05:302015-02-05T15:22:16.642+05:30विशु कॉमिक्स
Click
Neha Mathewshttp://www.blogger.com/profile/06819601295465401655noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-26640870795810436792012-09-04T13:00:00.007+05:302015-01-29T18:55:16.292+05:30जब सपना कोई पूरा हो जब सपना कोई पूरा हो ख़ुशी न हो सकती बयान धड़कन ही सब कहती है सुनते जमीन और आसमान।
किस्मत यूं दिखने लगतीपुरे होते जब अरमान जैसे ईश्वर खुद आए जीवन में बनकर मेहमान।
हाथ बढाए खडी हुई
लेती राहें अब मेरा नाम जो राहें बनती थी इस से पहले मुझसे अन्जान।
जब सपना कोई पूरा हो
ख़ुशी न हो सकती बयान धड़कन ही सब कहती है&Neha Mathewshttp://www.blogger.com/profile/06819601295465401655noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-15171490512181156392012-09-03T23:38:00.000+05:302015-01-29T18:55:16.271+05:30शेष कार्य
अवचेतन मन जो दे रहा वह ईश्वर का सन्देश है चेतन को अब कदम बढ़ाना कार्य रह गया शेष है ।
मेरा सफलता के लिए मंत्र - GOOD IDEA + RIGHT ACTION = SUCCESS
Neha Mathewshttp://www.blogger.com/profile/06819601295465401655noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-28398209369324156292012-09-03T19:38:00.000+05:302012-09-21T03:11:57.486+05:30मेरे भैया का ब्लॉग कुल्वेन्दर सूफियाना अक्स Neha Mathewshttp://www.blogger.com/profile/06819601295465401655noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8291062843646225144.post-66611433927283387432012-09-02T19:29:00.006+05:302012-09-21T03:03:06.864+05:30मेरी कविताएं
1. पृथ्वी पर बढ़ रही तपन
2. कान्हा कान्हा कहे मेरा मन
3. सम्पूर्ण सृष्टि करे नमन
4. चिड़िया
5. चाँद,सितारे,कलम,किताब इनसे मैं करती हूँ बात
6. माँ बाप का प्यार क्यूँ भूल गए?
7. जिस वसुधा पर जन्म लिया
8. शुभ दीपावली
9. विज्ञापनों से डर लगता है
10. ऐसे ना होता तो क्या होता
11. इंसानों ने&Neha Mathewshttp://www.blogger.com/profile/06819601295465401655noreply@blogger.com1